Tuesday 17 May 2016

चाँद अकेला





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चाँद अकेला 
चांदनी भी अकेली 
 बूझूं  कैसे पहेली 

मैं अनजानी 
मेघ हो या सागर 
कैसे दोनों में पानी 

___________ सेदोका : डॉ . प्रतिभा स्वाति



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